दाल मिलों की ग्राहकी कमजोर बनी रहने से अरहर एवं उड़द के साथ मसूर तथा चना में गिरावट
नई दिल्ली। आयात पड़ते सस्ते होने के साथ ही दाल मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से घरेलू बाजार में शनिवार को अरहर एवं उड़द के साथ ही मसूर तथा चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि मूंग की कीमतें लगातार दूसरे दिन भी स्थिर बनी रही।
केंद्र सरकार ने एमएसपी पर दलहन के साथ ही मक्का एवं कपास की खरीद का फार्मूला तैयार किया है। इसके लिए किसानों के साथ पांच साल का करार किया जायेगा, तथा नेफेड के साथ ही एनसीसीएफ एमएसपी पर खरीद करेगी। किसानों को अपनी फसल की बिक्री के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। हालांकि यह भी शर्त होगी कि किसान धान के बजाए मक्का, दलहन एवं कपास की खेती करेंगे।
चेन्नई में बर्मा की उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव कमजोर हुए है, इस दौरान लेमन अरहर की कीमतों में भी मंदा आया। उड़द एफएक्यू के भाव मार्च एवं अप्रैल शिपमेंट के 15 डॉलर कमजोर होकर दाम 1,015 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव 15 डॉलर घटकर 1,105 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ बोले गए। चेन्नई में लेमन अरहर के दाम 20 डॉलर कमजोर होकर भाव 1,295 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए।
चेन्नई में उड़द की कीमतें डॉलर में घट गई, साथ ही घरेलू बाजार में भी दाल मिलों की खरीद कमजोर होने से इसके दाम कमजोर हुए। व्यापारियों के अनुसार उड़द दाल में खुदरा एवं थोक मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है, जबकि अगले सप्ताह से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में नई उड़द की आवकों में बढ़ोतरी की उम्मीद है। उड़द दाल में दक्षिण भारत की मांग भी सामान्य ही बनी हुई है। इसलिए इसके भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। सरकार की सख्ती को देखते हुए दाल मिलें उड़द की खरीद जरुरत के हिसाब से ही कर रही हैं। जानकारों के अनुसार चालू महीने में मार्च क्लोजिंग का असर भी व्यापार पर रहेगा।
घरेलू बाजार में आयातित अरहर की कीमतों में गिरावट आई है। चेन्नई में लेमन के दाम डॉलर में भी कमजोर हो गए। हालांकि अरहर के आयात पड़ते अभी भी महंगे हैं जिस कारण आयातक इसके दाम तेज करना चाहते हैं। जानकारों के अनुसार दाल मिलों की मांग बढ़े दाम पर बढ़ नहीं पा रही है, क्योंकि सरकार लगातार दलहन की कीमतों की लगातार समीक्षा कर रही है। घरेलू मंडियों में देसी अरहर की आवक अभी बनी रहेगी, जबकि म्यांमार से लेमन अरहर का आयात आगामी दिनों में बढ़ेगा। ऐसे में इसके भाव में अभी बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। हालांकि प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में अरहर के उत्पादन अनुमान में कमी आने की आशंका है।
दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम स्थिर हो गए, जबकि मध्य प्रदेश के चना की कीमतों में नरमी आई है। व्यापारियों के अनुसार चालू सप्ताह में लगातार चना के कमजोर हुआ है, तथा उत्पादक राज्यों में मौसम साफ है इसलिए नए चना की आवकों में आगामी दिनों में और बढ़ोतरी होगी। उत्पादक मंडियों में चना के दाम समर्थन मूल्य से ऊपर है, जिस कारण मौजूदा कीमतों में दाल मिलें जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है। इसलिए चना की कीमतों में और भी नरमी आने की उम्मीद है। हालांकि चालू सीजन में चना का उत्पादन अनुमान कम है, लेकिन एक बार आवकों का दबाव बनने पर कीमतों में मंदा आयेगा। वैसे भी केंद्र सरकार ने चना का एमएसपी 5,440 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। खपत का सीजन होने के कारण चना दाल एवं बेसन की मांग अभी बनी रहेगी, जबकि उत्पादक राज्यों में अच्छी क्वालिटी का पुराना स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है।
मुंबई में कनाडा की पीली मटर के दाम 4,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान हजिरा बंदरगाह पर रसिया की पीली मटर के दाम 4,100 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मुंद्रा बंदरगाह पर रसिया की पीली मटर के भाव 4,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
दिल्ली में देसी मसूर के दाम तेज हुए हैं, लेकिन बंदरगाह पर आयातित की कीमतों में मंदा आया। व्यापारियों के अनुसार उत्पादक राज्यों में मौसम है, इसलिए नई मसूर की आवक आगामी दिनों में बढ़ेगी। मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश की मंडियों में मार्च अंत तक नई फसल की आवकों का दबाव बनेगा। वैसे भी चालू रबी में मसूर की बुआई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है, जिस कारण उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। इसलिए इसके भाव में बड़ी तेजी के आसार नहीं है। हालांकि आयातकों के पास उंचे भाव का स्टॉक है, तथा उत्पादक मंडियों में पुरानी देसी मसूर की स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है।
मूंग की कीमतें दिल्ली के साथ ही उत्पादक मंडियों में लगातार दूसरे दिन भी स्थिर बनी रही। व्यापारियों के अनुसार खपत का सीजन होने के कारण मूंग दाल में मांग अभी बनी रहेगी, वैसे भी रबी सीजन में इसकी बुआई पिछले साल की तुलना में कम हुई थी, जिस कारण उत्पादन अनुमान कम है। हालांकि उत्पादक राज्यों में आगामी दिनों में नई मूंग की दैनिक आवक बढ़ेगी, तथा होली के बाद अच्छी आवक हो जायेगी। इसलिए मौजूदा कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी रह सकती है। समर सीजन में मूंग की बुआई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है।
चेन्नई में एसक्यू उड़द फसल सीजन 2023/24 के दाम 50 रुपये घटकर 9,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान एफएक्यू के दाम 50 रुपये कमजोर होकर 8,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली में एफएक्यू उड़द के दाम कमजोर होकर 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मुंबई में उड़द एफएक्यू के दाम 50 रुपये घटकर 8,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
इंदौर मंडी में बोल्ड उड़द के भाव 8,100 से 8,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
चेन्नई में लेमन अरहर के दाम फसल सीजन 2024 के 50 रुपये कमजोर होकर 10,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
देसी अरहर की कीमतें सोलापुर, कानपुर, लातूर और अमरावती में कमजोर हुई।
मुंबई में लेमन अरहर के दाम शाम के सत्र में 150 रुपये घटकर 10,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर की कीमतें कमजोर हुई। सूडान से आयातित अरहर के दाम 100 रुपये कमजोर होकर 10,100 से 10,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान गजरी अरहर के भाव 100 रुपये घटकर 9,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मतवारा अरहर के भाव 100 रुपये घटकर 9,000 से 9,100 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सफेद अरहर की कीमतें 50 रुपये नरम होकर 9,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गई।
दिल्ली में देसी मसूर के दाम 50 रुपये कमजोर होकर भाव 6,150 से 6,175 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें कंटेनर में 50 रुपये घटकर 5,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के दाम 25 रुपये कमजोर होकर 5,775 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। इस दौरान हजीरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के भाव 50 रुपये घटकर 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली में राजस्थान लाइन के चना के दाम 6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान मध्य प्रदेश लाइन में चना के भाव 25 रुपये घटकर 5,925 से 5,950 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
दिल्ली में राजस्थान लाईन की मूंग के दाम 8,900 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। जयपुर मंडी में मूंग के बिल्टी भाव 7,800 से 8,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इंदौर में मीडियम मूंग के दाम 7,500 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।